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1 Jun 2024 · 1 min read

रात भी तन्हाई भरी काटना ऐ मेरे दोस्त,

रात भी तन्हाई भरी काटना ऐ मेरे दोस्त,
यहां चराग़ भी अपने उजालों पर ख़ूब इतराते हैं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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