*प्रगति का मंत्र- मेहनत*

जीतना है तुम्हें ही एक दिन,
क्यों चिंता करना जो बुरा गया एक दिन।
तू विचलित न होना हार से कभी,
करेगा मेहनत तो मिलेगी मंज़िल एक दिन।
मुसीबतों का समय तो आता ही है,
तू ठान ले तो कोई भी राह कठिन नहीं है।
जब तक न डगमगाए इरादा तेरा,
तब तक तेरे लिए कोई मुश्किल नहीं है।
सपने वो नहीं जो सोते वक्त आते हैं,
सपने वो होते हैं जो नींदें उड़ा जाते हैं।
अपने हौसले को न कम होने दे,
मेहनत करने वाले आकाश भी छूने जाते हैं।
राहों में कांटे होंगे, ये तो सच बात है,
पर तू जब चढ़ेगा, तो हर शिखर तेरा ही होगा।
अभी जो तू गिरा, वो तो बस एक पड़ाव है,
तू उठ, क्योंकि आने वाला वक्त तेरा ही होगा।
कभी लगता है कि सबकुछ खो गया है,
तू हारना नहीं, यही समय तुझे मजबूत करता है।
जो तूने खोया है, वो सब मिलेगा तुझको,
तेरा विश्वास, भाग्य को बदलने के लिए मजबूर करता है।
हर पल अपनी मेहनत पर विश्वास कर,
आगे बढ़, रुक मत, यही जहान है,
वो दिन आएगा जब तेरा सितारा चमकेगा,
सब तुझसे कहेंगे, तू सच में महान है।
जब तुझे लगे कि अब कुछ नहीं बचा,
तभी तेरा संघर्ष तुझे नई दिशा देगा।
जो तूने चाहा, वो तुझसे ज़्यादा दूर नहीं,
बस थोड़ा और मेहनत कर, मेहनत का फल देगा।
संघर्ष तेरे भीतर एक नई ऊर्जा देगा,
हर दर्द तुझे मंजिल के करीब ले जाएगा।
जो तूने सपने देखे, वो सच हो जाएंगे,
तू जो चाहेगा, वो तुझे प्राप्त हो जाएगा।
सफलता का रास्ता मुश्किल ही सही,
पर तू उसे पार करेगा, यही तय है।
तू झुकेगा नहीं, तू रुकेगा नहीं,
तो तेरी मंज़िल मिल जाएगी, तुझे किस बात का भय है।
जीतना है तुम्हें एक दिन,
तू कभी न हार मानना, यही है तेरा मंत्र।
मंज़िल तेरी दूर नहीं, बस मेहनत कर
उसे पाने का मेहनत से बेहतर नहीं है कोई यंत्र।