Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

परिमल पंचपदी- नयी विधा

परिमल पंचपदी— नवीन विधा

यह नवप्रस्तारित, नव विधा, पाँच पंक्तियों में लिखा जाने वाला वार्णिक पंचपदी है। इसे क्रमशः 3,6,9,12,15 वर्ण संख्या पर लिखा जाता है। प्रथम पंक्ति की शुरुआत तीन वर्ण युक्त शब्दों से की जाती है। तीन वर्णों में सभी गण एवं (111 सपने ), (1-11 तू नहीं ) (11-1 आज भी ) तरह के शब्द भी रख सकते हैं।भावों में सरसता एवं गेयता अबाधित हो इसका ध्यान रहे। परिमल पंंचपदी के लेखन की चार विधियां हैं।

उदाहरण सहित विधान —

(1) — प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत

झुलसी।
आँगन तुलसी।।
नदी ताल के स्त्रोत सूखे।
तन तपता किसी लौह की भाँति
गुलमोहर फूल अतिरिक्त सब रूखे।।

(2)– द्वितीय, तृतीय पद तथा प्रथम, पंचम पद पर तुकांत।

हूँ यात्री।
चलते रहना।
हर सुख-दुख सहना।।
लक्ष्य पाने को अति आतुर सदा,
निहारता है स्त्रोत को, ज्यों अधभरा पात्री।।

(3)— प्रथम, तृतीय एवं पंचम पद पर समतुकांत।

इच्छा है।
जो मरती नहीं,
दुनिया से डरती नहीं।।
युद्ध छिड़ी रहे अंतःस्थल पर,
न जाने ये कैसी इस आत्मा की तितिक्षा है।।

(4)—- संपूर्ण पंच पद अतुकांत।

ये ज्वाला
धधक रही है।
सब विनष्ट करने को
मैं भी आहार इसके मुखाग्नि का
लपटें आ रही हैं काव्य अधूरा ही रहा।।

— डॉ रामनाथ साहू ‘ननकी’
छंदाचार्य, बिलास छंद महालय

163 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

चाहे हमको करो नहीं प्यार, चाहे करो हमसे नफ़रत
चाहे हमको करो नहीं प्यार, चाहे करो हमसे नफ़रत
gurudeenverma198
मन का चोर अक्सर मन ही बतला देता,
मन का चोर अक्सर मन ही बतला देता,
Ajit Kumar "Karn"
एक वो भी दौर था ,
एक वो भी दौर था ,
Manisha Wandhare
आधुनिक दोहे
आधुनिक दोहे
Nitesh Shah
साथ हूँ।
साथ हूँ।
लक्ष्मी सिंह
विश्व कविता दिवस पर हाइकु
विश्व कविता दिवस पर हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बात तो कद्र करने की है
बात तो कद्र करने की है
Surinder blackpen
बेबाक ज़िन्दगी
बेबाक ज़िन्दगी
Neelam Sharma
आत्मनिर्भर नारी
आत्मनिर्भर नारी
Anamika Tiwari 'annpurna '
भगवती दुर्गा तेरी महिमा- भजन -अरविंद भारद्वाज
भगवती दुर्गा तेरी महिमा- भजन -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
"थोड़ी थोड़ी शायर सी"
©️ दामिनी नारायण सिंह
सर्वश्रेष्ठ
सर्वश्रेष्ठ
Ashwani Kumar Jaiswal
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
Dr fauzia Naseem shad
गर जानना चाहते हो
गर जानना चाहते हो
SATPAL CHAUHAN
टूट कर
टूट कर
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल...
ग़ज़ल...
आर.एस. 'प्रीतम'
3683.💐 *पूर्णिका* 💐
3683.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
शेखर सिंह
জয় হনুমান জয় হনুমান
জয় হনুমান জয় হনুমান
Arghyadeep Chakraborty
याद है मुझे
याद है मुझे
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
चिंगारी
चिंगारी
Dr. Mahesh Kumawat
चुनाव चालीसा
चुनाव चालीसा
विजय कुमार अग्रवाल
😊प्रणय प्रभात😊
😊प्रणय प्रभात😊
*प्रणय प्रभात*
एक चिड़िया
एक चिड़िया
Uttirna Dhar
सत्य विवादों से भरा,
सत्य विवादों से भरा,
sushil sarna
🙏🙏शेर 🙏🙏
🙏🙏शेर 🙏🙏
रीतू सिंह
"सियाही"
Dr. Kishan tandon kranti
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
Lokesh Sharma
Loading...