पिता
बहका पुत्र
पिता के पांव लगा है
मेरे गांव में !
सुबह का भूला
शाम को लौटा है
मेरे गांव में !!
मुसाफिर बहुत यहां
नदी के तट और नाव में !
कहकर उसने
प्राण छोड़ दिया
घर के तनाव में !!
• विशाल शुक्ल
बहका पुत्र
पिता के पांव लगा है
मेरे गांव में !
सुबह का भूला
शाम को लौटा है
मेरे गांव में !!
मुसाफिर बहुत यहां
नदी के तट और नाव में !
कहकर उसने
प्राण छोड़ दिया
घर के तनाव में !!
• विशाल शुक्ल