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20 Jan 2025 · 1 min read

जितनी सुविधाएं मिली उतने ही हम दूर हो गए हैं

जितनी सुविधाएं मिली उतने ही हम दूर हो गए हैं
हालातों के आगे ना जाने कितने मजबूर हो गए हैं
ना किसी से बात करने का मन होता है ना किसी से मिलने का मन होता है
ना जाने कैसे इतने मगरुर हो गए हैं।

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