*मोटी रिश्वत कैसे दें, यह बड़ी परेशानी है (हास्य हिंदी गजल)*

मोटी रिश्वत कैसे दें, यह बड़ी परेशानी है (हास्य हिंदी गजल)
_________________________
1)
मोटी रिश्वत कैसे दें, यह बड़ी परेशानी है
छोटे नोटों के कारण, दुख से भरी कहानी है
2)
नई सड़क बनने की सुनकर, दुख से मन घबराया
चार इंच फिर सड़क सतह से, ऊपर उठ जानी है
3)
बंद नालियॉं हैं वर्षा ऋतु, कैसे कहो मनाऍं
गंदा पानी घर में आकर, करता मनमानी है
4)
नेताजी गरीब कब रहते, सत्ता पर जब बैठे
पॉंच साल में दुगनी उनकी, तोंद निकल आनी है
5)
कुछ लोगों का जाने कौन, घड़ी में जन्म हुआ था
केवल नफरत ही नफरत, रोजाना फैलानी है
6)
खून-खराबा मारकाट चाकू-छुरियों को त्यागो
भारत की तस्वीर हमें, मिलकर नई सजानी है
_______________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज) रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451