सब मेरे जैसा होना चाहें,

सब मेरे जैसा होना चाहें,
मग़र मेरी परछाई से डर जाए।
लगाएं तो गले सभी,
मग़र मेरी मौजूदगी से खौफ़ खाएं।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
सब मेरे जैसा होना चाहें,
मग़र मेरी परछाई से डर जाए।
लगाएं तो गले सभी,
मग़र मेरी मौजूदगी से खौफ़ खाएं।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”