मैं कभी लिख नहीं पाया
मैं कभी लिख नहीं पाया…
इश्क में टूटी हुई लड़की की मनोदशा
जल से निकाली हुई मछली की दुर्दशा
अपराध में लिप्त हुई स्त्री का नशा
मैं कभी लिख नहीं पाया…
जिम्मेदारियों तले दबे लड़के की इच्छा
शेर को जंगल के राजा बनने की स्वेच्छा
कन्या के लिए पिता खोजता लड़का अच्छा
मैं कभी लिख नहीं पाया…
बदलते समाज की तस्वीर
रिश्तों में बढ़ती तकरार
मानव सभ्यता की शर्मसार
मैं कभी लिख नहीं पाया…
लोगों के कर्मों का फल
रिश्तों को जोड़ने का हल
समाज को बदलने की पहल
शिव प्रताप लोधी