यह मुहोबत का दिन कोई एक दिन की बात नहीं,

यह मुहोबत का दिन कोई एक दिन की बात नहीं,
है यह जनम जनम का साथ ।
इकरार ए मुहोबत हो चाहे हो चाहे न हो ,
मगर ता उम्र रहे हाथों में हाथ ।
यह मुहोबत का दिन कोई एक दिन की बात नहीं,
है यह जनम जनम का साथ ।
इकरार ए मुहोबत हो चाहे हो चाहे न हो ,
मगर ता उम्र रहे हाथों में हाथ ।