Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2025 · 1 min read

प्रेम

जाने कितने तबाह हुए इश्क, प्यार की बीमारी में,
जो नही हुए थे अब तक, वो भी बैठ गए तैयारी में,
प्रेम दिवस का ज़ाल बुन लिया लोगो ने व्यापारी में,
उलझ गये कुछ रिश्ते केवल तोहफ़ों की बाज़ारी में,

अब जैसे मोहताज़ हो गया केवल प्रेम प्रदर्शन का,
प्रेम था मीरा जैसा सच्चा मन ही मन में दर्शन का,
भाव भँवर में उतरो,समझ न सकते बैठ किनारी में,
प्रेम प्रकृति की सुंदर कन्या,शामिल जो चहुँआरी में

प्रेम समझना प्रेम निभाना,प्रेम को पाना मुश्किल है
प्रेम में खुद को खो देना प्रेम को पाने की मंज़िल है,
सात समंदर की दूरी भी कम लगती इस अय्यारी में
वफ़ा प्रेम से सबक सीखती खोके इस अदाकारी में

Language: Hindi
21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

4470.*पूर्णिका*
4470.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अद्भुत प्रयास
अद्भुत प्रयास
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
योग करें निरोग रहें
योग करें निरोग रहें
Shashi kala vyas
..
..
*प्रणय प्रभात*
मां की दुआओं का असर
मां की दुआओं का असर
डॉ. एकान्त नेगी
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
कवि रमेशराज
स्तुति - गणपति
स्तुति - गणपति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
Neelofar Khan
राधा कृष्ण
राधा कृष्ण
Mandar Gangal
हुक्म
हुक्म
Shweta Soni
दो घूंट
दो घूंट
संजय कुमार संजू
दिनांक 12/07/2024
दिनांक 12/07/2024
shashisingh7232
कोरोना और सख्त निर्णय
कोरोना और सख्त निर्णय
ललकार भारद्वाज
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
गुरू नमन
गुरू नमन
Neha
"ये आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
8. My. Wish
8. My. Wish
Santosh Khanna (world record holder)
बेवजह बदनाम हुए तेरे शहर में हम
बेवजह बदनाम हुए तेरे शहर में हम
VINOD CHAUHAN
पहले मनुष्य आदतों को अपनाता है फिर आदतें मनुष्य को अपनाने लग
पहले मनुष्य आदतों को अपनाता है फिर आदतें मनुष्य को अपनाने लग
Rj Anand Prajapati
संवेदना
संवेदना
Shalini Mishra Tiwari
गुलाबी स्त्रियां
गुलाबी स्त्रियां
Meenakshi Bhatnagar
तेरे संग
तेरे संग
seema sharma
धरती मां का विज्ञानी संदेश
धरती मां का विज्ञानी संदेश
Anil Kumar Mishra
हर रोज याद आऊं,
हर रोज याद आऊं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
* मुस्कुराते नहीं *
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
दिल ने,दिल से कुछ ऐसे दिल का रिश्ता तोड़ लिया,
दिल ने,दिल से कुछ ऐसे दिल का रिश्ता तोड़ लिया,
jyoti jwala
ऊंची इमारतों में रहने वाले
ऊंची इमारतों में रहने वाले
Chitra Bisht
जिंदगी भर किया इंतजार
जिंदगी भर किया इंतजार
पूर्वार्थ
जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
Dr Archana Gupta
????????
????????
शेखर सिंह
Loading...