कोरोना और सख्त निर्णय
सख्त निर्णय जब लेता शासक,
समझो समस्या बड़ी विनाषक है ।
उम्मीद किसी से अंब ना राखो,
लक्ष्मण रेखा तुम ना लाघो ।।
राक्षस रूपी वायरस घूमे,
लक्ष्मण रेखा ना इस पर टूटे ।
बने रहो तुम अपने घर में,
ना घुमो तुम गाँव नगर में ।।
जो मौत तुम्हारी,
ऊपर बैठे पित्र तुम्हारे…
उस घर में ना घुसने देंगे ।
आज बचा लो… यही बचा लो,
वंश को अपने दिन रात बचालो ।।
वो तेरा आभार करेंगे,
तेरी जान बचाने खातिर…
वो भी तो फरियाद करेगे ।
आज अगर ना चेत जगी तो,
गलती तेरी सबको ही बरबाद करेगी ।
तेरी जान बचाने खातिर,
पुलिस खड़ी है भारी बल में ।।
उनका भी घर परिवार है समझो,
उनको तुम से प्यार है समझो।
तेरी जान बचाने खातिर,
डॉक्टर, नर्स और चिकित्सक
सारे घूम रहे है मारे मारे ।।
उनका मान और सम्मान करो तुम,
बस घर में आराम को तुम् ।
देश खड़ा है संकट में जॉनो,
कहे ललकार बात तुम मानो ।।
हमारी जिम्मेवारी यें काम करेगी,
देश का ऊंचा नाम करेगी।
देख समझ लो मेरे प्यारो,
आज देश की जान बचालो लो ।।
ललकार भारद्वाज