जिनके चेहरे की चमक के लिए,

जिनके चेहरे की चमक के लिए,
दिन रात पसीने में सराबोर रहे।
अब इत्र भी लगाऊं तो उन्हें,
पसीने की दुर्गंध ही आती है।
वो इतना उठे है सपनो में,
उन्हें आसमां ही नजर आता है।
उन्हें तकलीफ न हो थोड़ी भी,
मैं पग जमाए हूं मिट्टी में।
श्याम सांवरा……