लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,

लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,
ये धुएं के हैं बादल , बरसते नहीं ,
हो के मजबूर , ये भी चले आएं हैं ,
इनकी बूंदों को, हम भी तरसते नहीं ।
✍️नील रूहानी…
लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,
ये धुएं के हैं बादल , बरसते नहीं ,
हो के मजबूर , ये भी चले आएं हैं ,
इनकी बूंदों को, हम भी तरसते नहीं ।
✍️नील रूहानी…