1212 1122 1212 112

1212 1122 1212 112
अगर मैं चीज़ ज़रूरी हूँ आज़माए मुझ़े
अगर हूँ ख़ौफ का सामान तो हटाए मुझ़े
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इसी निग़ाह ने देखा बरहना सा तुझ़को
हया के ज़लसे अभी कौन फिर बुलाए मुझ़े
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ये लोग आज़ तो मुमकिन है भूल जाएँ फिर
है कौन सा वो तमाशा यहाँ दिखाए मुझ़े
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अगर मै रूह हूँ बच के चला करो मुझ़से
अगर मियाद किसी याद का, बढाए मुझ़े
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अगर है ख़ोट भी नीयत में तो बता दे तू
‘सुशील’ हद में रहा कौन है सताए मुझ़े
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सुशील यादव दुर्ग (cg)
7000226712