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4 Feb 2025 · 1 min read

काश फिर मिलेंगे

काश फिर मिलेंगे
मिलेंगे फिर कभी,
उसी गली की उस चौखट पे
जहाँ एक ही राह में दो रास्ते होगें
किताब और प्रेम के रास्ते

~जितेन्द्र कुमार “सरकार”

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