sp 75 धीरे-धीरे समझ में आया
sp75धीरे-धीरे समझ में आया
**********************
धीरे-धीरे समझ में आया और समय ने भी बतलाया
भूख है इसकी गजब निराली समझो इसने क्या-क्या खाया
टेलीफोन दिया करता था पहले मोटी सी डायरेक्टरी वह भी खाई मोबाइल ने
आज जरूरत नहीं है उसकी धीरे-धीरे समझ में आया
पोस्टकार्ड इनलैंड लिफाफे सारे गुजरे कल की बातें
कभी पढ़ा करते थे हम खत आज समझ में हमको आया
अब मिलने की नहीं जरूरत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर लेते आना-जाना मिलना जुलना सब कुछ है इसने छुड़वाया धीरे-धीरे समझ में आया
एटीएम से रुपए निकालो या पेमेंट कार्ड से कर दो
जेब में पैसा नहीं जरूरी नहीं खयाल में कभी ये आया
पलक झपकते बदली माया देखो नया जमाना आया
तभी समझ में जाकर आया मोबाइल ने क्या-क्या खाया
@
डॉक्टर// इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
यह भी गायब वह भी गायब