” अब “

” अब ”
खत्म हो रही है नादानियाँ मेरी
अब मैं समझदार बन रहा हूँ,
कुछ न मिलने पर रोता था कभी
अब सब खोकर भी हँस रहा हूँ।
” अब ”
खत्म हो रही है नादानियाँ मेरी
अब मैं समझदार बन रहा हूँ,
कुछ न मिलने पर रोता था कभी
अब सब खोकर भी हँस रहा हूँ।