*महा दुर्लभ अलौकिक कुंभ, किस्मत से नहाते हैं (मुक्तक)*

महा दुर्लभ अलौकिक कुंभ, किस्मत से नहाते हैं (मुक्तक)
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अयोध्या तीर्थ है अनुपम, यहॉं श्रीराम पाते हैं
धरा है धन्य मथुरा की, जहॉं श्री कृष्ण गाते हैं
मिले काशी भले ही जो, सदा शिव-धाम कहलाता
महा दुर्लभ अलौकिक कुंभ, किस्मत से नहाते हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451