ढा रहा है कयामत शबाब आपका।
ढा रहा है कयामत शबाब आपका।
महकते गुलाब सा है ख़्वाब आपका।
दामने इश्क को बेचैनियां देने .वाले –
हकीकत को चाहिए जवाब आपका।
सुशील सरना
ढा रहा है कयामत शबाब आपका।
महकते गुलाब सा है ख़्वाब आपका।
दामने इश्क को बेचैनियां देने .वाले –
हकीकत को चाहिए जवाब आपका।
सुशील सरना