ग़ज़ल
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लो एक बार फिर से हराया गया ,
समझदार है तू बताया गया ।
तू औरत है अपनी जुबान बंद रख,
मिरे हौसलों को दबाया गया।
यूं हक की भला बात क्या कह दिया,
पढ़ाई के ताने सुनाया गया।
बहु है गुलामी तुझे करनी है ,
यज़ीदी हुकूमत चलाया गया ।
बड़े ही अजूबा हैं “नूरी” वो सब ,
यूं बेशर्मी से जीत पाया गया।
नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर