भोजपुरी ग़ज़ल
भोजपुरी ग़ज़ल
जवानी चार दिन के हS चढ़े तब आगि बरि जाला
मगर चारे दिनन के बाद सब गरमी उतरि जाला
चढ़े बइसाख तब सूरज महोदय खूब अँइठेलें
मगर अँइठल उहो अगहन चढ़त दुकहाँ घुसरि जाला
बहुत बा तेल तहरा में दिया से सीख लS कुछऊ
दिया के तेल जरि जाला मगर उजीयार करि जाला
जवानी फूल जस चाहीं फुलाते जग लगे महके
झरे से पूर्व सबका साँस में जाके उतरि जाला
खपल जेकर जवानी जगत के कल्याण में अवधू
सहज ओकर मुअलको सात पीढ़ी साफ तरि जाला
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर 9918854285
दिनांक 13_01_2025