जिनकी बांहों में बसा, स्वर्ग सरीखा गांव,
जिनकी बांहों में बसा, स्वर्ग सरीखा गांव,
बाबूजी एक पेड़ थे, अम्मा जिसकी छांव
©️🖊️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
जिनकी बांहों में बसा, स्वर्ग सरीखा गांव,
बाबूजी एक पेड़ थे, अम्मा जिसकी छांव
©️🖊️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”