बलिदानी गोविन्द सिंह की कहानी
#दिनांक:-6/1/2025
#विधा:- छंदमुक्त
#शीर्षक:-बलिदानी गोविन्द सिंह की कहानी
देशभक्ति का खून रग-रग में दौड रहा था,
स्वाभिमान से दुश्मनों को वह तोड रहा था।
देश खातिर साहसी सर झुकाते रहे गुरूवर,
तलवार धर्म पर बलिदान हेतु मोड़ रहा था।
राष्ट्रभक्त, धर्मनिष्ठ, त्यागी वीर गुरु गोविन्द,
धन्य गुजरी माता, पिता तेगबहादुर और हिन्द।
खालसा पंथ निर्माण कर सिक्ख किया एकजुट,
बचपन से कुशल कवि दार्शनिकता दौड रहा था।
बलिदानी गोबिंद सिंह की कहानी प्रेरणा देती,
योद्धा संत सिपाही दसवे गुरु रुप जन्म लेते।
संतान ईश्वर के, ईश्वर के सच्चे भक्त प्रेमी रहे,
मानवता रक्षा हेतु आंक्राताओं से लोहा ले रहा था।
(स्वरचित, मौलिक और सर्वाधिकार सुरक्षित है)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई