आँधियों से क्या गिला .....
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
मौसम बहुत सर्द है, आओ कुछ ख़्वाहिशों को आग लगाई जाए!!
पूरी कर दी आस है, मोदी की सरकार
मृदुल-पुकार
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
वास्तव में ज़िंदगी बहुत ही रंगीन है,
साल 2024… लीप ईयर के बजाय पेपर लीक ईयर के नाम से क्यों जाना
*अच्छा ही हुआ खरा सोना, घर में रक्खा पीतल पाया (राधेश्यामी छ
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
शीर्षक. .... शिक्षक..अनमोल रतन
तुम्हारे इश्क़ में इस कदर खोई,
**वो पागल दीवाना हो गया**
अदब नवाबी शरीफ हैं वो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
हमेशा अच्छे लोगों के संगत में रहा करो क्योंकि सुनार का कचरा