Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2024 · 1 min read

आज भी इंतज़ार है उसका,

आज भी इंतज़ार है उसका,
वक़्त जो लौट कर नहीं आया।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

2 Likes · 34 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

अंधेरों से कह दो की भटकाया न करें हमें।
अंधेरों से कह दो की भटकाया न करें हमें।
Rj Anand Prajapati
"साइंस ग्रुप के समान"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं नारी हूं...!
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
कत्ल खुलेआम
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
#महल का कंगुरा
#महल का कंगुरा
Radheshyam Khatik
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
$úDhÁ MãÚ₹Yá
D
D
*प्रणय*
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए
कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए
rkchaudhary2012
आओ नववर्ष के पावन पर्व की प्रीती मनाएं
आओ नववर्ष के पावन पर्व की प्रीती मनाएं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल-समय की ताल पर
ग़ज़ल-समय की ताल पर
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
श्री गणेश (हाइकु)
श्री गणेश (हाइकु)
Indu Singh
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
কিছুই না
কিছুই না
Otteri Selvakumar
23/217. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/217. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
यारो! शायरी ने शुगर बढ़ा दी मेरी,
यारो! शायरी ने शुगर बढ़ा दी मेरी,
Shreedhar
कभी पास बैठो तो सुनावो दिल का हाल
कभी पास बैठो तो सुनावो दिल का हाल
Ranjeet kumar patre
*पिता*...
*पिता*...
Harminder Kaur
जब भी लिखता था कमाल लिखता था
जब भी लिखता था कमाल लिखता था
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
Er.Navaneet R Shandily
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
Sahil Ahmad
प्रकृति के पाठ
प्रकृति के पाठ
Indu Nandal
"Sometimes happiness and peace come when you lose something.
पूर्वार्थ
At the sea shore !
At the sea shore !
Buddha Prakash
कौशल पढ़ते लिखते रहते
कौशल पढ़ते लिखते रहते
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
दोस्तों, ख़ुशियाँ बाँटते चलो.
दोस्तों, ख़ुशियाँ बाँटते चलो.
Piyush Goel
*अध्यात्म ज्योति* : वर्ष 53 अंक 1, जनवरी-जून 2020
*अध्यात्म ज्योति* : वर्ष 53 अंक 1, जनवरी-जून 2020
Ravi Prakash
घने तिमिर में डूबी थी जब..
घने तिमिर में डूबी थी जब..
Priya Maithil
विष को अमृत बनाओगे
विष को अमृत बनाओगे
Sonam Puneet Dubey
Loading...