उसकी याद कर ले , हे बन्दे !
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
कब तक छुपाकर रखोगे मेरे नाम को
"काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
कुछ कहना था - बिंदेश कुमार झा
होली के मजे अब कुछ खास नही
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो,
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नफरती दानी / मुसाफिर बैठा
सिलसिले जिंदगी के तेरी यादों की कसक रहतीं हैं।
*आओ फिर से याद करें हम, भारत के इतिहास को (हिंदी गजल)*
तालाब समंदर हो रहा है....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)