अधिकांश लोगों को
अधिकांश लोगों को
रिश्तों व अतिथियों से
इतना गुरेज़ हो गया है कि
घर का पता मांगो तो
मेल-एड्रेस बता देते हैं।
कहीं कोई आ न धमके।।
अधिकांश लोगों को
रिश्तों व अतिथियों से
इतना गुरेज़ हो गया है कि
घर का पता मांगो तो
मेल-एड्रेस बता देते हैं।
कहीं कोई आ न धमके।।