Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2024 · 1 min read

फ़ासला बेसबब नहीं आया

फ़ासला बेसबब नहीं आया
दूर तुम भी तो हो गए हमसे
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

2 Likes · 62 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तक़दीर का ही खेल
तक़दीर का ही खेल
Monika Arora
बापूजी(नानाजी)
बापूजी(नानाजी)
Kanchan Alok Malu
पर्वत और गिलहरी...
पर्वत और गिलहरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
25. When Will You Come
25. When Will You Come
Santosh Khanna (world record holder)
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
" हवाएं तेज़ चलीं , और घर गिरा के थमी ,
Neelofar Khan
"मेरी नाकामी ने नहीं तोड़ा मुझे"
ओसमणी साहू 'ओश'
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
Rj Anand Prajapati
है अब मनुजता कहाँ?
है अब मनुजता कहाँ?
सोनू हंस
"विज्ञान और मुस्कान"
Dr. Kishan tandon kranti
हठधर्मिता से रखिए दूरी
हठधर्मिता से रखिए दूरी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बुनियाद के पत्थर
बुनियाद के पत्थर
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
लाइब्रेरी और उनकी किताबो में रखे जीवन
लाइब्रेरी और उनकी किताबो में रखे जीवन
पूर्वार्थ
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
sushil sarna
ज़माना
ज़माना
अखिलेश 'अखिल'
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आ लौट आ
आ लौट आ
Surinder blackpen
#सकारात्मक_सोच😊 #सकारात्मक_सुबह😊😊 #सकारात्मक_सोमवार 😊😊😊
#सकारात्मक_सोच😊 #सकारात्मक_सुबह😊😊 #सकारात्मक_सोमवार 😊😊😊
*प्रणय*
कुछ जो बाकी है
कुछ जो बाकी है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
*जग से चले गए जो जाने, लोग कहॉं रहते हैं (गीत)*
*जग से चले गए जो जाने, लोग कहॉं रहते हैं (गीत)*
Ravi Prakash
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
Manisha Manjari
यही मेरे दिल में ख्याल चल रहा है तुम मुझसे ख़फ़ा हो या मैं खुद
यही मेरे दिल में ख्याल चल रहा है तुम मुझसे ख़फ़ा हो या मैं खुद
Ravi Betulwala
घना शोर था
घना शोर था
Seema gupta,Alwar
शर्मशार इंसानियत और मणिपुर
शर्मशार इंसानियत और मणिपुर
Akash RC Sharma
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
शेखर सिंह
वह सिर्फ तू है
वह सिर्फ तू है
gurudeenverma198
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
Loading...