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24 Nov 2024 · 1 min read

एक लघुकथा

लघुकथा
-*-*-*
एक दिन बस में में यात्रा के समय,
एक दो रूपये का सिक्का गिरा हुआ मिला,
……
उसे उठाते समय,
मेरा अव-चेतन मन कह रहा था,
आपके पास बत्तीस रूपये है,
दो रूपये, मिलाकर,
कल एक फुल क्रीम दूध की थैली आ जायेगी,
……..
और अगले दिन सुबहा,
मैंनें ऐसा किया भी .।।
…….
पढ़ कर आप कुछ भी कहें,
आपको जो मर्जी मन बनाना हो बना लें,
मुझे जरूरत थी,
किसी और को,
अगर यह सिक्का मिल भी जाता,
मुझे नहीं,
मालूम उसके किस काम का होता ..🙏
….
महेन्द्र सिंह खालेटिया

Language: Hindi
82 Views
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