Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2024 · 1 min read

मेरा होना इस कदर नाकाफ़ी था

मेरा होना इस कदर नाकाफ़ी था
हर बार तेरी आगोश में कोई रफ़ीक़ था

चित्रा बिष्ट

50 Views

You may also like these posts

मां
मां
Arghyadeep Chakraborty
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
Dr Archana Gupta
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
surenderpal vaidya
यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
भगवद्गीता ने बदल दी ज़िंदगी.
भगवद्गीता ने बदल दी ज़िंदगी.
Piyush Goel
- लोगो के दिलो पर छा जाऊ -
- लोगो के दिलो पर छा जाऊ -
bharat gehlot
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
VINOD CHAUHAN
जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है।
जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है।
Pratibha Pandey
अपनों की महफिल
अपनों की महफिल
Ritu Asooja
इसकी वजह हो तुम, खता मेरी नहीं
इसकी वजह हो तुम, खता मेरी नहीं
gurudeenverma198
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
हरी चूनर
हरी चूनर
Indu Nandal
कहाँ लिख पाया!
कहाँ लिख पाया!
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
वहशीपन का शिकार होती मानवता
वहशीपन का शिकार होती मानवता
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"शतरंज"
Dr. Kishan tandon kranti
यादों में ज़िंदगी को
यादों में ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
मेघाें को भी प्रतीक्षा रहती है सावन की।
मेघाें को भी प्रतीक्षा रहती है सावन की।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गर्मी और नानी का आम का बाग़
गर्मी और नानी का आम का बाग़
अमित
Friendship day
Friendship day
Neeraj kumar Soni
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
धरती के आगे
धरती के आगे
Chitra Bisht
life_of_struggler
life_of_struggler
पूर्वार्थ
तुम्हे क्या लगता,
तुम्हे क्या लगता,
अमित मिश्र
पिता के प्रति श्रद्धा- सुमन
पिता के प्रति श्रद्धा- सुमन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
Shweta Soni
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
Parvat Singh Rajput
मतलब का सब नेह है
मतलब का सब नेह है
विनोद सिल्ला
Loading...