हिन्दी दोहा-पत्नी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#पुकार
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कविवर नीरज जी के प्रति श्रद्धा सुमन व्यक्त करते हुए एक कुंडल
खेतवे में कटे दुपहरिया (चइता)
कदाचित् वहम यह ना पालो...
प्यार दर्द तकलीफ सब बाकी है
आज गज़ल को दुल्हन बनाऊंगा
हमारी आखिरी उम्मीद हम खुद है,
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,