Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2024 · 1 min read

4868.*पूर्णिका*

4868.*पूर्णिका*
🌷 सबसे पहले आते 🌷
22 22 22
सबसे पहले आते।
सबसे आगे जाते ।।
दुनिया है दीवानी।
सबसे भागे जाते ।।
लौटा है कौन यहाँ ।
बेजा दागे जाते ।।
दिल की बात जुबां पे ।
बूनते धागे जाते ।।
कष्ट निवारक खेदू।
जन मन लागे जाते ।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
06-11-2024बुधवार

66 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शब्द भी क्या चीज़ है, महके तो लगाव हो जाता है ओर बहके तो घाव
शब्द भी क्या चीज़ है, महके तो लगाव हो जाता है ओर बहके तो घाव
ललकार भारद्वाज
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
Shreedhar
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
शेष है अभी...
शेष है अभी...
sushil sarna
" हम तो हारे बैठे हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
Dr.Priya Soni Khare
छन्द गीतिका
छन्द गीतिका
Ashwani Kumar
* मुस्कुराते नहीं *
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
सनातन
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
जियो खुलकर
जियो खुलकर
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मोहब्बत
मोहब्बत
पूर्वार्थ
Unke dekhe se jo aa jati hai mooh par raunak.....
Unke dekhe se jo aa jati hai mooh par raunak.....
Mohd Shagil
पहली नजर का जादू दिल पे आज भी है
पहली नजर का जादू दिल पे आज भी है
VINOD CHAUHAN
नववर्ष के इस दिन हमें
नववर्ष के इस दिन हमें
gurudeenverma198
प्रतिभा की विशेषताएँ
प्रतिभा की विशेषताएँ
Rambali Mishra
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
Pramila sultan
यह संसार अब भी ऐसे लोगों से भरा पड़ा है, जिन्हें साफ-सफाई के
यह संसार अब भी ऐसे लोगों से भरा पड़ा है, जिन्हें साफ-सफाई के
*प्रणय प्रभात*
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Neelam Sharma
ख़बर थी अब ख़बर भी नहीं है यहां किसी को,
ख़बर थी अब ख़बर भी नहीं है यहां किसी को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी बहुत आसान
जिंदगी बहुत आसान
Ranjeet kumar patre
बेटी हूँ माँ तेरी
बेटी हूँ माँ तेरी
Deepesh purohit
ढलती साँझ
ढलती साँझ
शशि कांत श्रीवास्तव
* एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता *
* एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता *
भूरचन्द जयपाल
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
कलयुग का दंश
कलयुग का दंश
ओनिका सेतिया 'अनु '
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मतदान
मतदान
Dr. Vaishali Verma
4409.*पूर्णिका*
4409.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
Dr. Narendra Valmiki
Loading...