Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2024 · 1 min read

उसकी मर्ज़ी पे सर झुका लेना ,

उसकी मर्ज़ी पे सर झुका लेना ,
जो है वाक़िफ़ हमारे बेहतर से ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 94 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राजनीतिक गलियारा
राजनीतिक गलियारा
Dr. Sunita Singh
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
दर्द को दिल में छुपाये
दर्द को दिल में छुपाये
संजय निराला
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य का भविष्य
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य का भविष्य
Rambali Mishra
अनजान राहों का सफर
अनजान राहों का सफर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मैं चल पड़ा हूं कहीं.. एकांत की तलाश में...!!
मैं चल पड़ा हूं कहीं.. एकांत की तलाश में...!!
Ravi Betulwala
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
लेंगे फिर से बात का,उल्टा अर्थ निकाल.
लेंगे फिर से बात का,उल्टा अर्थ निकाल.
RAMESH SHARMA
*(संवाद की)*
*(संवाद की)*
*प्रणय प्रभात*
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
VINOD CHAUHAN
एक उम्र गंवाई है हमने भी मनमानी के लिए
एक उम्र गंवाई है हमने भी मनमानी के लिए
पूर्वार्थ देव
* राह चुनने का समय *
* राह चुनने का समय *
surenderpal vaidya
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अपवित्र मानसिकता से परे,
अपवित्र मानसिकता से परे,
शेखर सिंह
-सफलता की मुस्कान -
-सफलता की मुस्कान -
bharat gehlot
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गीत
गीत
अवध किशोर 'अवधू'
4536.*पूर्णिका*
4536.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चूहों की चौकड़ी
चूहों की चौकड़ी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आएंगे तो मोदी ही
आएंगे तो मोदी ही
Sanjay ' शून्य'
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
लिखता है वो बस लिखता है ।
लिखता है वो बस लिखता है ।
विवेक दुबे "निश्चल"
चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो
चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
🏃जवानी 🏃
🏃जवानी 🏃
Slok maurya "umang"
मरूधरां
मरूधरां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बनारस का घाट
बनारस का घाट
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
धीरे-धीरे ढह गए,
धीरे-धीरे ढह गए,
sushil sarna
You do NOT need to take big risks to be successful.
You do NOT need to take big risks to be successful.
पूर्वार्थ
शीर्षक. .... शिक्षक..अनमोल रतन
शीर्षक. .... शिक्षक..अनमोल रतन
Deepak Kumar Bhola
Loading...