लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
यदि होना होगा, तो तूझे मेरा होना होगा