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29 Oct 2024 · 1 min read

श्मशान

श्मशान के मौन में
झिलमिलाती चिता की लपटें,
धुएं की लहरों में
विलीन होती एक कहानी,
जिसे शायद किसी ने सुना ही नहीं।

काली राख की चादर तले
दबे हैं अनगिनत स्वप्न,
जो कभी सांस लेते थे,
आसमान छूने की चाह में
धरती से जुड़े रहते थे।

मौन की इस गहरी नदी में
डूब जाती हैं सदियों पुरानी यादें,
हर लहर के साथ बहती हैं
अनकही बातें,
अधूरे सपनों की छाया।

श्मशान की इस भूमि पर
जीवन की नश्वरता लिखी है,
हर एक चिंगारी मानो कहती है—
यह संसार एक क्षणभंगुर तमाशा है,
जहां हर जीवाय़ु, एक दिन
मिट्टी को मिट जाना है।

—श्रीहर्ष—-

Language: Hindi
64 Views

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