जिन्दगी के किसी कोरे पन्ने पर
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
जिसकी तस्दीक चाँद करता है
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
ग़ज़ल _ मुकद्दर की पहेली 🥰
है कहीं धूप तो फिर कही छांव है
आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई,डरा रही है तन्हाई
चमचे भी तुम्हारे हैं फटेहाल हो गए
स्वतंत्रता दिवस और सेकुलर साहेब जी
स्वास्थ्य बिन्दु - ऊर्जा के हेतु
गज़ल
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
Tum ibadat ka mauka to do,