पति पत्नी संवाद (हास्य कविता)
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
क्या गुनाह है लड़की होना??
तेरी मीठी बातों का कायल अकेला मैं ही नहीं,
*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
कोई किसी के लिए कितना कुछ कर सकता है!
दुनिया में मैं कुछ कर न सका
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
sp109 खेल खेले जा रहे हैं
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें