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23 Dec 2023 · 3 min read

एक शाम उसके नाम

शीर्षक – एक शाम उसके नाम

जीवन में एक समय की बात है एक गांव था उसमें एक परिवार रहता था उसे परिवार में पांच लोग थे माता-पिता एक बेटा दो बेटी बस जीवन में हम सभी अपने बचपन जवानी बुढ़ापे को सोचते नहीं है। सच तो यह है जन्म हम लेते हैं तब हम बच्चे होते हैं हम सोच नहीं सकते और जहां बड़े होने लगते हैं तब हम माता-पिता की आश्रित होती है तब हम सोच नहीं सकते और जवान होते हैं तब हम जवान के गुरुर में हम सोच नहीं सकते और उसके बाद जब बुढ़ापा आता है तो हम सोचने लायक नहीं रह जाते हैं इंसान तो हम सभी हैं और कभी-कभी हम मन भावों में कह भी देते है एक शाम उसके नाम है वह क्या है वह एक ईश्वर भी हो सकता है प्रेम का भी हो सकती है या एक में खाना भी हो सकता है एक शाम उसके नाम भी कर सकते हैं परंतु ऐसा कुछ सच नहीं है गांव के परिवार में माता-पिता एक बेटा दो बहने रहती थी माता-पिता में राम सिंह और धनिया माता-पिता थे और बेटा शंकर और दो बहने रानी और मीना सभी परिवार में एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे और एक दूसरे के लिए हमेशा जान देने को तैयार रहते थे। समय बीतता है और माता-पिता बुढ़ापे की ओर अग्रसर हो जाते हैं। और दोनों बहनों की शादी हो जाती है विवाह हो जाता है और वह अपने-अपने घर चली जाती है और बेटा शंकर नाम के अनुसार शंकर की तरह ही माता-पिता का भक्ति और परिवार की परवाह करने वाला बेटा होता है आज कलयुग में ऐसा बेटा होना भी बड़ा मुश्किल है ऐसा उसके मां-बाप राम सिंह और धनिया कहते हैं और कहते हैं हमें हमने कोई पुण्य करा होगा जो हमें ऐसा बेटा मिला।
शंकर अपने माता-पिता से कहता है क्यों ना हम सोच रहे एक शाम उसके नाम करें पिता राम सिंह और धनिया माता बहुत खुश होती है और बोलती है शंकर बेटा जैसा तुम उचित समझो करो और शंकर पुर गांव में निमंत्रण देता है और अपनी बहनों के लिए बुलावा भेज देता है और वह कहता है हम मानव जीवन लेते हैं और मानव जीवन का अधिकार ईश्वर के साथ होता है हमें कभी ना कभी जीवन में एक शाम उसके नाम भी करनी चाहिए और सभी को ऐसी प्रेरणा देता है आओ हम सब जने मिल बैठकर मन भावन से श्रद्धा भाव से उसे ईश्वर का गुणगान करते हैं और एक शाम उसके नाम करते हैं ऐसा उसके निमंत्रण पत्र में लिखा होता है और सभी को वह निमंत्रण पत्र दिया जाता है उसे निमंत्रण पत्र में लिखा होता है एक शाम मेरे श्री कृष्णा कान्हा के नाम एक शाम उसके नाम जय श्री कृष्णा जय श्री कृष्णा जय राधा माधव ऐसी बात और मन भावन को छूने लेने छू लेने वाली एक शाम उसके नाम सभी गांव के लोग और उसकी बहाने एक शाम उसके नाम में एकत्र होते हैं और खुशियों से बड़ी धूमधाम से कान्हा की शाम भजन और कीर्तन के साथ साथ सभी मन और विचारों के साथ झूमते और प्रभु श्री कृष्ण का भजन करते हैं और एक शाम उसके नाम सभी गांव वालों के साथ साथ हम सभी पाठकों ने भी कर दी।
जय श्री कृष्ण प्रभु कृपा करना हम सभी एक शाम उसके नाम वो प्रभु आप है ।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
172 Views

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