Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2025 · 1 min read

Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e

Life is like party. You invite a lot of people. Some leave early, some stay all night, some laugh with you, some laugh at you. And then, there’re a few who stay to help u clean up the mess. Most of the times they aren’t those who created mess. They’re the ones who matter the most.

Sometimes you don’t have to accept that, “it is what it is.” Change your thoughts about the way you see it. Find the lesson. Take action to change the way it is. You don’t have control over everything, but there is always something you can do.

19 Views

You may also like these posts

6. GREAT MOTHER ( An Acrostic Poem )
6. GREAT MOTHER ( An Acrostic Poem )
Ahtesham Ahmad
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल से करो पुकार
दिल से करो पुकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"बात अंतस की"
ओसमणी साहू 'ओश'
दो अक्टूबर का दिन
दो अक्टूबर का दिन
डॉ. शिव लहरी
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मिले हम तुझसे
मिले हम तुझसे
Seema gupta,Alwar
अपनी सोच का शब्द मत दो
अपनी सोच का शब्द मत दो
Mamta Singh Devaa
3208.*पूर्णिका*
3208.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*छाया प्यारा कोहरा, करता स्वागत-गान (कुंडलिया)*
*छाया प्यारा कोहरा, करता स्वागत-गान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भावो को पिरोता हु
भावो को पिरोता हु
भरत कुमार सोलंकी
🙅मूर्ख मीडिया की देन🙅
🙅मूर्ख मीडिया की देन🙅
*प्रणय*
मानव का मिजाज़
मानव का मिजाज़
डॉ. एकान्त नेगी
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
Pooja Singh
"गलतफहमी"
Dr. Kishan tandon kranti
दहि गइल घरिया
दहि गइल घरिया
आकाश महेशपुरी
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Chaahat
शिकवे शिकायत की
शिकवे शिकायत की
Chitra Bisht
*होली*
*होली*
Dr. Vaishali Verma
मनोबल
मनोबल
Kanchan verma
एक दीप प्रेम का
एक दीप प्रेम का
dr rajmati Surana
नयनों की भाषा
नयनों की भाषा
सुशील भारती
रोशनी से तेरी वहां चांद  रूठा बैठा है
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
Virendra kumar
कागज़ की नाव.
कागज़ की नाव.
Heera S
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
DrLakshman Jha Parimal
मायड़ भासा मावड़ी, परथमी पर पिछांण।
मायड़ भासा मावड़ी, परथमी पर पिछांण।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
पूर्वार्थ
शीर्षक – कुछ भी
शीर्षक – कुछ भी
Sonam Puneet Dubey
मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
Rj Anand Prajapati
मैं चुप रही ....
मैं चुप रही ....
sushil sarna
Loading...