4738.*पूर्णिका*
4738.*पूर्णिका*
🌷 आगे पीछे यहाँ 🌷
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आगे पीछे यहाँ।
दुनिया पीछे यहाँ ।।
जिंदा देखो मुर्दा।
जीवन पीछे यहाँ ।।
कहना बेकार है ।
जाना पीछे यहाँ ।।
सब भोग विलास में ।
भागे पीछे यहाँ ।।
हरदम खेदू बढ़े।
आते पीछे यहाँ ।।
……✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
22-10-2024मंगलवार