अहंकार और संस्कार के बीच महज एक छोटा सा अंतर होता है अहंकार
अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,
- रिश्ते व रिश्तेदारों से हारा हु -
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)
आज़ादी!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
गुनाह लगता है किसी और को देखना
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
ग़ज़ल-जितने घाव पुराने होंगे
आजादी भी अनुशासित हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)