“पूत कपूत तो क्या धन संचय, पूत सपूत तो क्या धन संचय” अर्थात
हिन्दी मन की पावन गंगा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वक्त के साथ लड़कों से धीरे धीरे छूटता गया,
दिल को रह रह के ये अंदेशे डराने लग जाएं
"" *हे अनंत रूप श्रीकृष्ण* ""
"राह अनेक, पै मँजिल एक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
गुलों को प्यार के रंगों में ढाल भेजा है
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
Appreciate the efforts. When someone is giving their all to
*खजाने की गुप्त भाषा(कहानी)*
सरल भाषा में ग़ज़लें लिखना सीखे- राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
सबके सुख में अपना भी सुकून है