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16 Oct 2024 · 1 min read

4681.*पूर्णिका*

4681.*पूर्णिका*
🌷 जमाना जबर्दस्ती का 🌷
122 2122
जमाना जबर्दस्ती का ।
यहाँ वक्त भी मस्ती का।।
करो जो आज करना।
न बात यहाँ हस्ती का ।।
जमाते रंग अपना।
जरा देखो बस्ती का।।
करें ना परवाह जहाँ ।
कहे जां भी सस्ती का।।
मरे भी रोज खेदू।
सवाल कहाँ नस्ती का।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार

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