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ओसमणी साहू 'ओश'
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14 Oct 2024 · 1 min read
आज जो तुम तन्हा हो,
आज जो तुम तन्हा हो,
और कुछ नहीं, ये सिला है…
मुझे तुमसे मिली तन्हाई का।
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