कौन है, राह गलत उनको चलाता क्यों है।
भगिनि निवेदिता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
मौर ढलल
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Sometimes, things happen that are out of our control, and pe
बुढ़ापा आता है सबको, सभी एहसास करते हैं ! उम्र जब ढ़लने लगती ह
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
#ਝਾਤ ਮਾਈਆਂ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*मुख काला हो गया समूचा, मरण-पाश से लड़ने में (हिंदी गजल)*
उसके गालों का तिल करता बड़ा कमाल -
उम्र भर का सफ़र ज़रूर तय करुंगा,