Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
26 Sep 2024 · 2 min read

सबके दिल में छाजाओगी तुम

========== =========
मुझे यकीन है मझसे मिलने जरूर आओगी तुम
मिलने का वादा किया है आकर जरूर निभाओगी तुम

तुम आ जाओ तो मीट जाए मेरे दिल की पिर
आकर गले लग जाओ तो बंधें मन को थोड़ी धिर

आकर बना दो या मिटा दो तुम्हारे हाथ में है मेरी तकदीर
कविता ही बनगई है मेरे जीवन का आईना इसमें देखुं तस्वीर

तुम्हारे बिनां यह राहें सुनीं सुनीं लगती है
बैठा हूं हाथ फैलाए ये बाहैं सुनीं लगती है

आंखों में आंखें डाल कर देखो जरा
सूखने लगा है इनमें जो था जल भरा

तुम्हारी याद में रो-रो कर अब आंसू सूखने लगे हैं
राहें निहार रहे हैं तुम्हारी ये नयनां दुखनें लगे हैं

तुम्हारी तड़फ के मारे दिल बेचैन हो रहा है
एक आंसू के नों-नों टुकड़े करके यह दिल रो रहा है

मैं जानता हूं तुम्हें भी जरूर मेरी याद आती होगी
जैसे ज़मीन से आसमां तक
सितारों की फरियाद जाती होगी

तुम्हारे भी दिल की धड़कनों में बसा हूं मैं
अधीर मन को तुम आकर समझाऔ कैसा हूं मैं

ऐसे ही तुम्हारे दिल में भी जरूर मेरी याद आती होगी
तुम्हारे दिल की हर एक धड़कनों में कशिश जगती होगी

मुझे यकीन है मुझसे मिलने जरूर आओगी तुम
लगजाओगी आकर गले मेरे लबों की प्यास बुझाओगी तुम

जब प्रस्तुत करूंगा मैं मंच से अपनी कविता को
सभी श्रोताओं के दिल में छाजाओगे तुम
मुझे यकीन है मेरे गीत गजल कविता शेरो शायरी बनकर जरूर मेरे लबों पर आजाओगी तुम

लिखूंगा मैं अपने दिल के अरमानों को कोरे कागज पर
जब पढ़ूंगा मंच पर फिर सभी श्रोताओं के दिल पर छा जाओगे तुम
===================
आशु कवि-शिक्षक के पी एस चौहान गुरु आरजू सब-रस कवि एवं मंच संचालक रिपोर्टर फोटोग्राफर

Loading...