रातों में कभी आसमान की ओर देखना मेरी याद आएगी।
*भ्रष्टाचार की पाठशाला (हास्य-व्यंग्य)*
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
है खबर यहीं के तेरा इंतजार है
" भींगता बस मैं रहा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
हर क़दम ठोकरें खा के चलते रहे ,
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
नई पीढ़ी
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
जीवन में रहता नहीं,जिसके जोश उमंग
हम भारत के वीर प्रवर हैं, भारत नया बनायेंगे ।
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी