"जिनके कार्य क्षेत्र में कुछ नहीं रहता,
कह रहे हैं मैं बुरी हूँ लेकिन
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना महत्व ह
रूप रस गंध में मैं नहाता रहूं।
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -189 से चयनित श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िन्दगी अब तो कुछ करम कर दे,
सहायता-प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रबंधक की भूमिका का निर्वहन*
गुरु गोविंद सिंह जयंती विशेष
इंतजार की कीमत उससे पूछिए।
जिस कदर उम्र का आना जाना है
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।