Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2024 · 1 min read

आ जाओ गणराज

“आ जाओ गणराज”

आ जाओ गणपति गणनायक
लेकर प्रभुजी अपने सारे साज।

तुम हो कहलाते विघ्नहर्ता प्रभु
अब हर लो तुम सबके दुख को।
झोली फैलाये खड़े सब अपनी
कृपा करो अब उनको सुख हो।
दिखलाओ गणेश अपनी शक्ति
हे दयावंत गणनायक महाराज।

ले मूषकवाहन आओ उमासुत
सबके मन को हर्षित कर दो।
देखो जीवन कितना दुष्कर है
सुख से सबकी झोली भर दो।
प्रथमपूज्य मंगलकर्ता गणेश
जग यह तुमको पुकारे आज।

बाधा अनेकों घेरे खड़ी प्रभु
व्याकुल मानव राह न सूझे।
दुखियारे दुख की व्याधा को
तुम बिन और कौन अब बूझे।
आज पुकारें राह निहारें सब
शिवसुत आ जाओ गणराज।

डाॅ सरला सिंह “स्निग्धा”
दिल्ली

Language: Hindi
118 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sarla Sarla Singh "Snigdha "
View all

You may also like these posts

भोजन खाया दिन आज के।
भोजन खाया दिन आज के।
Acharya Shilak Ram
Started day with the voice of nature
Started day with the voice of nature
Ankita Patel
*गुरु महिमा (दुर्मिल सवैया)*
*गुरु महिमा (दुर्मिल सवैया)*
Rambali Mishra
कुछ सामयिक हाइकु
कुछ सामयिक हाइकु
जगदीश शर्मा सहज
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
** मैं शब्द-शिल्पी हूं **
** मैं शब्द-शिल्पी हूं **
भूरचन्द जयपाल
क्या अजीब बात है
क्या अजीब बात है
Atul "Krishn"
"राम की भूमि "
DrLakshman Jha Parimal
उसकी याद में क्यों
उसकी याद में क्यों
Chitra Bisht
संभावना
संभावना
Ajay Mishra
तुम केश तुम्हारे उड़ने दो
तुम केश तुम्हारे उड़ने दो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Game bài Yo88
Game bài Yo88
yo88
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आपस में नफरतों का
आपस में नफरतों का
Dr fauzia Naseem shad
"बूढ़े होने पर त्याग दिये जाते हैं ll
पूर्वार्थ
एक पल
एक पल
Kanchan verma
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
3618.💐 *पूर्णिका* 💐
3618.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
Shweta Soni
"जिद"
Dr. Kishan tandon kranti
यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये।
यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये।
लक्ष्मी सिंह
*जिस पर प्रभु की अति कृपा हुई, माया उसकी हर लेते हैं (राधेश्
*जिस पर प्रभु की अति कृपा हुई, माया उसकी हर लेते हैं (राधेश्
Ravi Prakash
यथार्थ में …
यथार्थ में …
sushil sarna
काली सी बदरिया छाई रे
काली सी बदरिया छाई रे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
बेशकीमती हँसी
बेशकीमती हँसी
हिमांशु Kulshrestha
तपती दोपहरी
तपती दोपहरी
Sudhir srivastava
एक अलग ही दुनिया
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
मुझे उसको भूल जाना पड़ेगा
मुझे उसको भूल जाना पड़ेगा
Jyoti Roshni
समझौता
समझौता
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...