अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा- भजन -अरविंद भारद्वाज
कली
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
समझ आये तों तज्जबो दीजियेगा
🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳
फागुन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
एक संगठन, ध्वजा भगवा धारी,
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही